बांग्लादेश: शेख हसीना की वापसी की मांग करेगी ढाका, यदि कानून ऐसा कहे – युनूस सरकार

Dhaka will ask for Sheikh Hasinas return

बांग्लादेश में राजनीतिक माहौल तेजी से बदल रहा है, और इसी बीच एक नई घोषणा ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। बांग्लादेश की सरकार, जिसे आमतौर पर युनूस सरकार कहा जाता है, ने कहा है कि यदि बांग्लादेश का कानून इस पर जोर देता है, तो वे शेख हसीना की वापसी की मांग करेंगे। यह बयान न केवल बांग्लादेश की राजनीति में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है।

शेख हसीना: बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक शख्सियत

शेख हसीना बांग्लादेश की सबसे महत्वपूर्ण और प्रभावशाली राजनीतिक नेताओं में से एक रही हैं। उन्होंने बांग्लादेश की प्रधानमंत्री के रूप में कई बार सेवा की है और देश की स्वतंत्रता संग्राम के महानायक शेख मुजीबुर रहमान की बेटी हैं। उनकी सरकार ने देश में आर्थिक विकास और सामाजिक सुधारों को बढ़ावा दिया, लेकिन उनके शासनकाल में कई विवाद भी सामने आए।

शेख हसीना ने 5 अगस्त को ढाका से नई दिल्ली के बाहरी इलाके में हिंडन में भारतीय वायु सेना बेस के लिए उड़ान भरने से पहले, अपने आधिकारिक निवास – ‘गण भवन’ – से कुछ घंटे पहले बांग्लादेश के प्रधान मंत्री के रूप में पद छोड़ दिया था।

युनूस सरकार का बयान

युनूस सरकार, जिसने हाल ही में सत्ता संभाली है, ने यह बयान देकर स्पष्ट कर दिया है कि वे देश के कानून का पालन करेंगे। युनूस सरकार का कहना है कि यदि कानून शेख हसीना की वापसी की मांग करता है, तो वे इस पर अमल करेंगे। हालांकि, इस बयान के पीछे की मंशा और इसके संभावित राजनीतिक प्रभावों पर भी सवाल उठ रहे हैं।

नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस – जिन्होंने पिछले सप्ताह बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली थी – ने अपदस्थ प्रधान मंत्री शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले छात्रों की प्रशंसा की है। “इसमें कोई संदेह नहीं है… छात्रों के नेतृत्व वाली क्रांति के कारण पूरी सरकार ध्वस्त हो गई…” श्री यूनुस ने रविवार रात छात्रों के साथ बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा।
“मैंने (छात्रों से) कहा, ‘मैं आपका सम्मान करता हूं… मैं आपकी प्रशंसा करता हूं। आपने जो किया है वह बिल्कुल अद्वितीय है… और क्योंकि आपने मुझे ऐसा करने का (अंतरिम प्रशासन का प्रभार लेने का) आदेश दिया है, मैं इसे स्वीकार करता हूं। ..’,” श्री यूनुस ने छात्रों के साथ हुई बातचीत में कहा है।

श्री यूनुस ने इस बात पर भी जोर दिया कि सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और बांग्लादेश के केंद्रीय बैंक के प्रमुख सहित उच्च पदस्थ सार्वजनिक अधिकारियों के इस्तीफे की लहर “कानूनी रूप से संचालित” हुई थी।

राजनीतिक स्थिति का विश्लेषण

बांग्लादेश में वर्तमान में राजनीतिक अस्थिरता का माहौल है। शेख हसीना की अनुपस्थिति में देश में सत्ता संघर्ष की स्थिति बनी हुई है। युनूस सरकार द्वारा दिए गए इस बयान को कुछ लोग एक रणनीतिक कदम मान रहे हैं, जो राजनीतिक ध्रुवीकरण को बढ़ावा दे सकता है। वहीं, कुछ इसे बांग्लादेश के लोकतांत्रिक ढांचे को मजबूत करने की दिशा में एक कदम के रूप में देख रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय प्रभाव

इस बयान का असर केवल बांग्लादेश तक सीमित नहीं रहेगा। शेख हसीना की वापसी की संभावना पर भारत, अमेरिका, और अन्य पड़ोसी देशों की भी नजरें टिकी हुई हैं। बांग्लादेश में स्थिरता और लोकतंत्र के समर्थक इस घटनाक्रम को ध्यान से देख रहे हैं, क्योंकि इससे क्षेत्रीय स्थिरता पर भी असर पड़ सकता है।

युनूस सरकार का यह बयान बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकता है। शेख हसीना की वापसी की संभावना ने न केवल देश के भीतर बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी राजनीतिक विश्लेषकों को सोचने पर मजबूर कर दिया है। आने वाले समय में यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि बांग्लादेश की राजनीति में यह घटनाक्रम कैसे विकसित होता है और इसका देश की स्थिरता और लोकतंत्र पर क्या प्रभाव पड़ता है।

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